जी.यस.टी. (मुख्य मुद्दे और चुनोतिया एवं सुझाव )
भारत मे कर संग्रह की प्रक्रिया
१ -ऑटो मोबाइल सेक्टर देश की इकॉनमी की रीड की हड्डी है, जिसमे २८% कर लागू किया गया है जो बहुत ज्यादा है क्योकि ऑटो मोबाइल सेक्टर में मोटर निर्माण की कॉस्ट ज्यादा होती है, इसलिए यह सेक्टर तेजी से नीचे जा रहा है , ऐसे ही घरेलू उपयोग की वस्तुओ का लागत मूल्य अधिक होने के कारण वास्तु एवं सेवा कर देने के बाद व्यपारियो के लिए घाटे का सौदा मालूम हो रहा है तथा व्यापारी अपना व्यापर बंद करने को मजबूर हो रहे है !
सुझाव -solution of the problem
१- घरेलु उत्पादों एवं फ़ास्ट मूविंग गुड्स प्रोडक्ट है ,उसमे कुछ में ५% कर की दर है ,एवं कुछ में १२ % से लेकर १८% तक है, ऐसे नाजुक समय में जहा पर व्यापारी अपना व्यापार बंद कर रहे है ,एक कर की दर होनी चाहिए वर्तमान में १८% की दर बहुत ज्यादा है , इन प्रोडक्ट की निर्माण लगत अत्यअधिक होती है ,एवं ट्रांसपोर्ट लगत भी जोड़ने पर व्यपारियो को घटा हो रहा है , इसे एक स्लैब मे लाना जरुरी है!
२- ऑटो मोबाइल सेक्टर में कर दर २८ % ज्यादा है क्योकि निर्माण लगत ज्यादा है ऑटो मोबाइल सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था की धुरी है इसको तत्काल संकट से उबरना जरुरी है !
३- पैट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में लाया जाये जिससे व्यापारियों को राहत मिल सकती है
४-व्यापारियों को कमर्शियल विद्युत बिल का भुगतान अधिक करना पड़ता है ,इसको भी वास्तु सेवा कर के दायरे में लेकर व्यापारियों को राहत प्रदान की जा सकती है ,
५-प्रत्यक्छ कर के दायरे को बढ़ाया जाना आवश्यक है , साथ ही किसानो की ऋण माफ़ी योजना के बजाय उनकी आये को दुगनी करने का प्रावधान किया जाना चाहिए, इसके लिए सरकार किसानो को गाँव मे ही फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट या डेरी उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है!
6-जी.यस. टी फार्म का सरलीकरण किया जाना आवश्यक है ,साथ ही व्यापारियों से तीन माह के बजाये छह माह में रिटर्न भराने की योजना पर ठोस विचार किया जाना आवश्यक है !
सरकार को निश्चित रूप से कोई ठोस कदम उठाने होंगे क्योंकि भारत मे पूर्ण रूप से F.D.I आने मे लगभग दस से पंद्रह साल का वक्त लगेगा, इस बीच अगर घरेलु व्यापार धारा साईं हुआ तो देश को घोर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है !
द्वारा
प्रदीप तिवारी (अधिवक्ता जिला एवं सत्र न्यायलय कटनी )
मोबाइल (7879578306)
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सारांश --:भारत में कर का संग्रह सविंधान के अनुच्छेद २५६ के तहत किया जाता है ,भारत में कर का संग्रह प्रत्यक्छ कर के रूप में ,एवं अप्रत्यक्छ कर के रूप में किया जाता है , प्रत्यक्छ कर के रूप में आए कर ,पूजी लाभ कर ,प्रतिभूति लेन देन कर , कमर्शियल टैक्स, एवं किसी इनाम या शर्त पर जीती राशि पर लिया जाता है वर्तमान में प्रत्यक्छ कर संग्रह की यही विधि भारत में लागू है ,इसके अलावा अप्रतयक्छ कर के रूप में बिक्री कर ,सेवा कर ,कस्टम ड्यूटी ,एक्साइस ड्यूटी , वैट टैक्स अदि ,के रूप में कर की राशि वास्तु एवं सेवा कर अधिनियम आने के पूर्वे की जाती थी !भारत में सबसे अधिक कर संग्रह अप्रतयक्छ कर के रूप में होता है , जो की वास्तु एवं सेवा कर अधिनियम आने के पूर्व केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वसूल किया जाता था,हर राज्य में अलग अलग अप्रतयक्छ कर की दर होने के कारण व्यपारियो को असुविधा का सामना करना पड़ता था ,एवं विदेशी निवेश नहीं आता था , इस कारण वास्तु एवं सेवा कर अधिनियम मोदी सरकार द्वारा २०१७ में लाया गया, जो स्वागत योग्य है ,परन्तु इसमें कई खामिया होने के कारण आम व्यापारी को काफी दिक्क्तों का सामना करना पड रहा है ,उक्त आलेख में वास्तु एवं सेवा कर के मुख्य मुद्दे एवं चुनोतिया क्या है , एवं इन चुनोतियो को कैसे दूर किया जा सकता है सुझाव दिया जा रहा है!
भारत मे कर संग्रह की प्रक्रिया
भारत में जी.यस.टी की अवधारणा ---
भारत में जी.यस.टी. .की कल्पना सर्वप्रथम अटलबिहारी वाजपई सरकार द्वारा की गयी पर आम सहमति न होने के कारण विधयक संसद में पास न हो सका , इसके बाद २०१० में मनमोहन सरकार द्वारा तात्कालिक वित्त मंत्री पी चितंबरम द्वारा जी.यस.टी विधयक संसद के पटल पर रखा गया परन्तु कुछ संसोधन करने के लिए विधायक को प्रवर समिति के पास भेज दिया गया और जी.यस.टी विधयक पास न ह सका,इसके पश्चात् एक जुलाई सन 2०१७ को एक सो बीसवे सविंधान संसोधन के तहत विधयक को राज्यों के संसोधन के उपरांत पारित किया गया !जिसमे वर्तमान में वस्तु एवं सेवा कर की दर निम्न चित्र के माध्यम से दर्शायी जा रही है !
भारत मे जी. यस. टी की वर्तमान दर
वस्तु एवं सेवा कर के मुख्य मुद्दे एवं चुनोतिया
वस्तु एवं सेवा कर मोदी सरकार द्वारा नोट बंदी के उपरांत लाया गया जिसमे कर की अलग अलग स्लैब होने के कारण एफ. एम. जी. सी एवं ऑटो मोबाइल सेक्टर को सम्भलने का मौका नहीं मिला और बाजार में मंदी आने लगी ा
वर्तमान में एफ. एम. जी प्रोडक्ट जैसे साबुन पेस्ट एवं रोज मारा की उपयोग करने वस्तु पर १८% टैक्स लगाया जा रहा है जो अत्यधिक है !
१ -ऑटो मोबाइल सेक्टर देश की इकॉनमी की रीड की हड्डी है, जिसमे २८% कर लागू किया गया है जो बहुत ज्यादा है क्योकि ऑटो मोबाइल सेक्टर में मोटर निर्माण की कॉस्ट ज्यादा होती है, इसलिए यह सेक्टर तेजी से नीचे जा रहा है , ऐसे ही घरेलू उपयोग की वस्तुओ का लागत मूल्य अधिक होने के कारण वास्तु एवं सेवा कर देने के बाद व्यपारियो के लिए घाटे का सौदा मालूम हो रहा है तथा व्यापारी अपना व्यापर बंद करने को मजबूर हो रहे है !
व्यापारियों को हर तीन माह के अंत में जी.एस. टी रिटर्न भरनी पड़ती है , जो एक परेशानी का सबब है ,फार्म भी अतयंत जटिल होने के कारन परेशानी का सामना करना पड़ता है जुर्माने की राशि भी ज्यादा है !
solution
सुझाव -solution of the problem
१- घरेलु उत्पादों एवं फ़ास्ट मूविंग गुड्स प्रोडक्ट है ,उसमे कुछ में ५% कर की दर है ,एवं कुछ में १२ % से लेकर १८% तक है, ऐसे नाजुक समय में जहा पर व्यापारी अपना व्यापार बंद कर रहे है ,एक कर की दर होनी चाहिए वर्तमान में १८% की दर बहुत ज्यादा है , इन प्रोडक्ट की निर्माण लगत अत्यअधिक होती है ,एवं ट्रांसपोर्ट लगत भी जोड़ने पर व्यपारियो को घटा हो रहा है , इसे एक स्लैब मे लाना जरुरी है!
३- पैट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में लाया जाये जिससे व्यापारियों को राहत मिल सकती है
४-व्यापारियों को कमर्शियल विद्युत बिल का भुगतान अधिक करना पड़ता है ,इसको भी वास्तु सेवा कर के दायरे में लेकर व्यापारियों को राहत प्रदान की जा सकती है ,
५-प्रत्यक्छ कर के दायरे को बढ़ाया जाना आवश्यक है , साथ ही किसानो की ऋण माफ़ी योजना के बजाय उनकी आये को दुगनी करने का प्रावधान किया जाना चाहिए, इसके लिए सरकार किसानो को गाँव मे ही फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट या डेरी उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है!
6-जी.यस. टी फार्म का सरलीकरण किया जाना आवश्यक है ,साथ ही व्यापारियों से तीन माह के बजाये छह माह में रिटर्न भराने की योजना पर ठोस विचार किया जाना आवश्यक है !
सरकार को निश्चित रूप से कोई ठोस कदम उठाने होंगे क्योंकि भारत मे पूर्ण रूप से F.D.I आने मे लगभग दस से पंद्रह साल का वक्त लगेगा, इस बीच अगर घरेलु व्यापार धारा साईं हुआ तो देश को घोर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है !
द्वारा
प्रदीप तिवारी (अधिवक्ता जिला एवं सत्र न्यायलय कटनी )
मोबाइल (7879578306)
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