Cyber staking cyber crime against women
महिलाओ के विरुद्ध गंभीर अपराध साइबर स्टाकिंग
साइबर स्टाकिंग की घटनाय वर्तमान समय में भारतीय समाज में बढ़ चुकी है ,करीब ४५ प्रतिशत भारतीय जिसमे से ज्यादा तर महिलाय है साइबर स्टाकिंग का शिकार हो रही है ,साइबर स्टाकिंग का शाब्दिक अर्थ होता है पीछा करना या कह सकते है , परेशान करना ,धमकी भरा व्योवहार ,जो किसी वयक्ति के द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति के लिए होता है ,से अभिप्रेरित होता है ! साइबर स्टाकिंग में कोई इंटरनेट यूजर (उपयोग करता ) ई - मेल , सोशल मीडिया अकाउंट , जैसे व्ट्स अप ,ट्विटर ,इंस्टाग्राम ,अदि के माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति को लगातार अप्पति जनक मैसेज भेजता हैँ ! धमकी देना , महिलाओ से छेड छाड़ करना ,साथ ही सोशल मीडिया अकाउंट पर उनको अप्पति जनक पोस्ट डालना (obseans Materials) , लगातार तंग करना अदि आता है ,साथ ही फ़ोन काल के माधयम से लगातार मैसेज करना ,गलत बात करना अदि ! इस प्रकार के अपराध पुरषो द्वारा लगातार महिलाओ के प्रति किए जा रहे है ,भारत में हर रोज महिलाये साइबर स्टाकिंग की शिकार हो रही है , परन्तु पीड़ित पक्छ दवरा FIR लिखाने पर भी कोई कार्यवाही. नहीं होती , और सही अन्वेषण की जानकारी न होनेके कारण साइबर स्टाकिंग के अपराधी न्यायालय से बरी हो जाते है !
साइबर स्टाकिंग से पीड़ित महिलाय
साइबर स्टाकिंग की विशेषताय ----:
* पीड़ित का अपराधी से किसी न किसी प्रकार से सम्बन्ध होना !
*पीड़ित का मित्रता वाले व्यक्तियों में से किसी एक का होना !
* पीड़ित का सम्बन्ध महिला वर्ग से ज्यादा होना !
*पूर्व पति या प्रेमी का होना !
साइबर स्टाकिंग के कारण _---------:
* बदला लेने के लिए !
*परेशान करने के लिए !
* जबरदस्ती मित्रता बनाने के लिए !मैसेज भेजना .
*पूर्व पति या प्रेमी द्वारा तंग करने के लिए !
साइबर स्टाकिंग के माध्यम -------:
*फोटो , आवाज़ , इ - मेल , यस , एम , यस , वीडियो चैट , ऑन लाइन चैटिंग ,वर्किंग साइड , मैसेज ब्लॉग
बी ब्लॉग , का प्रयोग करके अश्लील धमकी भरे शब्द साइबर अपराधी भेजते है !
साइबर स्टाकिंग के बचाव :----------
* किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना फोन नंबर तथा इ- मेल अकाउंट नहीं देना चाहिए !
* इंटरनेट पर अपनी प्रोफाइल को सर्वजनिक नहीं करनी चाहिए !
*साइबर कैफ़े में इनटरनेट नेट का इस्तेमाल करने के बाद उसे लोग आउट कर देना चाहिए !
*अपना पासवर्ड एवं इ_मेल अकाउंट किसी अनजान व्यक्ति से शियर नहीं करना चाहिए !
साइबर स्टाकिंग के अंतर्गत अपराधी के दण्ड का विधान -----------:
* धरा ६६ -क सुचना प्रद्योगकी अधिनियम २००० में अपराध घोषित !
*संज्ञेय एवं जमानतीय , न्यायिक दण्डा अधिकारी प्रथम श्रेणी द्वारा विचारण !
*अन्वेषण राजपत्रित अधिकारी द्वारा किया जायेगा !
दण्ड -- तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं जुरमाना !
साइबर स्टाकिंग मेँ भारतीय दण्ड सहिता की अधिकारिता ---
साइबर स्टाकिंग के अपराध मेँ I.T.Act. के साथ भारतीय दण्ड सहिंता के प्रावधान भी लागू होते हैँ. अगर कोई वयक्ति इंटरनेट के माध्यम से किसी महिला को अप्पति जनक सन्देश भेजता हैँ तो. या धमकी भरे सन्देश भेजता हैँ, नियमनुसार भारतीय दण्ड सहिंता के प्रावधान लागू होंगे !
जेसे की 294,354 क.. ख. ग़ , एवं आपरधिक अभित्रास की धरा ५०३ ,
शब्द ,अंग,विक्छेप , या कार्य जो किसी इस्त्री की लज्जा भंग करने से सम्बंधित है , भारतीय दण्ड विधान की धरा ५०६ से दण्डित होगा !
साइबर, स्टाकिंग मेँ महिला से सम्बंधित अपराधों मेँ अगर कोई FIR. लिखाई जाती हैँ .तो अन्वेषण अधिकारी को पीड़ित का बयान कोर्ट मेँ करना होता हैँ.
अन्वेषण अधिकारी तुरंत उस डिवाइस को अपने कब्जे मेँ लेगा जिससे अपराध घटित हुआ हैँ.
इसके बाद इलेक्ट्रिकल दस्तावेज को एकत्र कर फोरेंसिक जांच करएगा. जिससे सिद्ध हो सके की अपराध करीत हुआ हैँ.
अपराधी को गिरफ्तार कर बैल बांड मेँ छोड़ता हैँ. एवं चालान कोर्ट मेँ प्रस्तुत करता हैँ
अंतर्राष्ट्रीय जगत में साइबर स्टाकिंग से निपटने के लिए बनाये गए कानून :---
* यूनाइटेड किंगडम --
मालिसियस कम्युनिकेशन एक्ट १९९८
टेलीकम्यूनिकेशन एक्ट १९८४
प्रोटेक्शन ऑफ़ हर्रास्मेंट एक्ट १९९७
क्राइम एंड डिसऑर्डर एक्ट १९९८
*यू. यस. ए --------
18 यू.एस कोड ८७५
47 यूँ एस कोड 223
18 यू. एस कोड़ 2425
साइबर स्टाकिंग से सम्बंधित महत्वपूर्ण केस
1-अवनीश बजाज विरुद्ध बाजी. कॉम
2-ऋतू कोहली विरुद्ध स्टेट ऑफ़ दिल्ली
3-सुहास कुट्टी विरुद्ध स्टेट ऑफ़ तमिल नाडू
4 -- हर्ष पाठक बनाम भारत संघ , रिट (सी ) सा.35 /2005 (यस. सी)
साभार
प्रदीप तिवारी (अधिवक्ता )
जिला न्यायलय कटनी
7879578306