वर्तमानसमय,में ओ.टी.टी.प्लेटफॉर्म पर पिक्चर या कोई मानो रंजक कंटेन्ट देखने का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है ,कॅरोनाकाल मे जहा एक तरफ लोग सिनेमा घरों में जाकर फ़िल्म नही देख पा रहे थे,वही पर ओ.टी.टी प्लेटफॉर्म लोगो को अपना मनोरंजन करने के लिये बड़ी राहत दे रहा था, परंतु साथ मे इसमे मनोरंजन के नाम पर अश्लील सामग्री एवं साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले द्रश्य बहुतायत में परोसे जा रहे थे , ओर ये सिलसिला अभी भी जारी है, ओ.टी.टी.प्लेटफार्म का पूरा नाम होता है, ओवर टेकिंग टेक्नोलॉजी,जिसमें सरकार ओर न ही,सेंसर बोर्ड का कोई नियंत्रण नही होता और निर्माता पैसे कमाने की नियत से कोई भी सामग्री परोसता है, जिसे युवाओ के साथ साथ बच्चे भी देखते है,हालही ही में फ़िल्म लक्छमी बम्ब, आश्रम, वासी पुर ,में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने के साथ बहुतायत मात्रा में अश्लीलता परोसी गई जिसे युवाओ के साथ साथ बच्चों ने भी देखा उक्त फिल्मों को अमेज़न.कॉम,नेट फ्लेक्स,सोनी टेलीफिल्म द्वारा दिखया जा रहा है, जिसे बड़ी ही आसानी से कुछ राशी देकर एक्सेस किया जा सकता है, बच्चे भी इसके जद पर है , ओर आम तौर पर बच्चे पैसे देकर कंटेंट या फ़िल्म बड़ी ही आसानी से देख सकते है ।वर्तमान में माननीय सरवोच्च न्ययालय न्यायालय में सशि कांत झा एवं अपूर्वा अवधिया द्वारा इस संबंध में जन हित याचिका दायर की गई जिसमें भारत सरकार के साथ साथ अमेज़न. कॉम एवं अन्य कंपनियों को नोटिस जारी किए गए,भारत सरकार ने नोटिस का जबाब दिया, ओर तदसम्बन्ध में कानून बनाने की बात कही,जिसमे सरकार द्वारा कहा गया कि 18 साल से कम उम्र के युवा अगर ओ.टी.टी प्लेटफार्म पर एसेक्स करते है,तो उनकी जानकारी पूर्ण रूप से ली जाए ओर अगर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने वाला द्राश्य डाला जाता है, तो रिपोर्ट होने पर कार्यवाही होगी, दिनांक 5/3/2021 को पारित अपने आदेश में माननीय सरवोच्च न्यायालय ने लिखा कि सरकार द्वारा बनाये गए नियम नाकाफ़ी है, इसमे अलग से कानून बनाने की आवश्यकता है,जहा तक सूचना प्रद्योगकी अधिनियम का संबंध है,धारा 69 ई.टी एक्ट इसमे लागू नही हो सकता,क्योकि अश्लील सामग्री सहमति से परोसी जा रही है,अतः गेंद अब सरकार के पाले में है ,जहा तक एक अधिवक्ता के नाते मेरा मत है सरकार को चाहिए कि वो विधि एवं साइबर कानूनों के जानकार व्यक्तियों की राय ले और तदसम्बन्ध में प्रभावशाली कानून बनाये
साभार
प्रदीप तिवारी अधिवक्ता(साइबर लॉ एक्सपर्ट)जिला एवं सत्र न्यायालय (कटनी)
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