Thursday, August 1, 2019

Acceptance of e-mail as electronic evidence

     

                              ई -मेल की इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख के सम्बन्ध मेँ कानूनी अवधारणा 



1--इ -मेल  एक परिचय --ई -मेल किसी कम्प्यूटर ,कम्प्यूटर प्रलाणी ,कम्प्यूटर  संसाधन या संचार यूक्ति में सृजित या परितेषित [भेजा गया ]  या प्राप्त किया गया को इलेक्ट्रॉनिक सन्देश या सुचना से  अभिप्रेरित है ,इसमें पाठ ,फोटो ,ऑडिओ ,वीडियो ,तथा ,किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख भी    आते है ,जो इलेक्ट्रॉनिक   संदेश  के साथ भेजे जाते है !
२---प्रवर्तक --(Originator )-----:प्रवर्तक   से ऐसा व्तक्ति अभिप्रेरित है ,जो किसी इलेक्ट्रॉनिक  सन्देश  को भिजवाता है ,उत्पादित ,भंडारित या सयोजित करता हैँ या  किसी अन्य व्यक्ति को प्रेषित करवाता है ,प्रवर्तक कहलाता है !
३-प्रेषिती (Addressee ) ---------- : प्रेषित से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेरित हैँ जो प्रवर्तक (orginator)द्वारा भेजा गया इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख (ई -मेल सन्देश आदि )प्राप्त करने के लिए आशियित हैँ, प्रेषित कहलाता हैँ!
2---इलेक्ट्रॉनिक सन्देश भेजनें के बारे मेँ उपधारणा ---
न्यायालय उपधारणा कर सकेगा की इलेक्ट्रॉनिकल सन्देश जिसे प्रवर्तक द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मेल -सेवा प्रदाता के माध्यम से  प्रेषित  करने वाले को जिसके लिए सन्देश भेजे जाने के लिए तैयार हैँ, भेजा गया, उस सन्देश के अनुरूप हैँ, जिसके प्रेषण के लिए कंप्यूटर मेँ इनपुट किया गया !किन्तु न्यायालय उस व्यव्क्ति के जिसके द्वारा ऐसा सन्देश भेजा गया था, बारे मेँ कोई उपधारणा नहीं करेगा !
3---वैवाहिक क्रूरता के मामले मेँ ई -मेल ----एक वैवाहिक क्रूरता के मामले मेँ न्यायालय द्वारा पति पत्नी के बीच ई -मेल के द्वारा संवाद का विश्लेषण किया गया और बाद मेँ पाया की ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला जिसमे क्रूरता की गई हो !
4----जेल तथा न्यायालय के मध्य प्रक्रिया के लिए ई --मेल के माध्यम से सवाद होना चाहिए ----
एक मामले मेँ माननीय उच्च न्यायालय ने निर्देशित किया की  न्यायालय एवं जेल की समस्त कारवाही को ई -मेल एवं फैक्स के माध्यम से संचालित करना चाहिए !
5----ई --मेल के सम्बन्ध मेँ कुछ विदेशी न्यायालयों के निर्णय ---
ई -मेल की सुसंगता को सिद्ध करने के लिए तीन बातो का ध्यान रखना आवश्यक हैँ !
(1)---कंप्यूटर हार्डवेयर एवं सॉफ्ट वियर की सत्य निष्ठा
(2)---कंप्यूटर डेटा की सत्यनिष्ठा
(3)----कप्म्यूटर प्रणाली की सत्यनिष्ठा
ऊपर दी गई तीन बातो के आधार पर ही ई मेल की सुसंगता के सम्बन्ध मेँ निर्णय निकला जाता हैँ !
महत्वपूर्ण केस ----1
स्टार्स बनाम माइक्रोसॉफ्ट कारपोरेशन, 1995  डव्लू. एल. 32649!
2--मोनोटाइप कारपोरेशन विरुद्ध इंटरनेशनल टाइप फेस कारपोरेशन, 43एफ. 3 डी. 443(9था cri1994)
आर्म्स स्ट्रांग विरुद्ध प्रेडिडेन्ट 1एफ. 3डी. (सी 1993)
साभार
प्रदीप तिवारी एडवोकेट
7879578306