: ----------- दीपावली शुभकामना सन्देश-------:
भगवान राम जब रावण को मारकर अयोध्या वापस आये थे तो दीप जला कर उनका स्वागत हुआ था प्रतीकात्मक रूप से इस अवसर को हम दीपावली के रूप में मानते है ,पर हम इसे आंतरिक अर्थो में देखे तो दस सर अर्थात रावण हमारे मष्तिष्क में विराजमान है ,जो (काम ,क्रोध ,मोह ,मद ,लोभ ,इत्यादि )का प्रतीक है तथा हमारे हिर्दय में ही अयोध्या है ,जहा पर राम विराजित है , अतः जरुरी है की आज के दिन हम अपने मष्तिष्क में विराजित रावण को मारकर ,हिर्दय रूपी आयोध्या में दीपक जला कर राम का स्वागत करे तो हमे ज्यादा आनंद प्राप्त होगा। आज आज मदसर काम है
इस स्वरचित पंगतियो के साथ आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाय
"लक्छमी गणेश का हो पूजन "
"' नवदीप जले घर अगन में, पुष्प चढ़े उपवन में "
''बने रंगोली हो उल्लास ,जब घर घर में हो प्रकाश ''
"पर दिवाली का कुछ और आनंद जब दीप जले हिर्दय अगन में
"' नवदीप जले घर अगन में, पुष्प चढ़े उपवन में "
''बने रंगोली हो उल्लास ,जब घर घर में हो प्रकाश ''
"पर दिवाली का कुछ और आनंद जब दीप जले हिर्दय अगन में
``तन मन में हो प्रकाश यही दिवाली का असली त्यौहार "'
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